फूलों से करे बीमारियों का इलाज फूलों की बागवानी या फिर फूल के बीच एक नई ताकत मिलती है। और स्वस्थ रहता है। यही वजह है कि आज हर घर मे फूलों की महक पाई जाती है जिससे मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है। कई अध्ययनो मे यह बात सामने आई है कि बीमारियों के इलाज मे फूलों से फायदा हो रहा है।
गुलाब के फूल-
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फूलों की बात हो तो सबसे पहले नाम आता है, गुलाब के फूल का गुलाब के फूल का रस दिल की बीमारियों को दूर करता है इसे किशमिश के साथ खाने से दिल्ली की कमजोरी दूर होती है। आंखों मे जलने व दर्द होन पर इसके रस मे चुटकी भर फिटकरी मिलाकर आंखों मे डालने से आराम मिलता है। मुंह मे छाले, सिर दर्द, कब्ज व मूत्र मे जलन की शिकायत पर भी इसे लिया जा सकता है।
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जैसमीन-
जैसी भी एक बेहद खूशबूदायक फूल है।
आंखों की बीमारियों, मासिक धर्म की रूकावट व कमजोरी मे इस फूल का इस्तेमाल किया जा रहा है। मानसिक तनाव व उदासी मे भी जैसी के फूलों से फायदा होता है।
गेंदा का फूल -
गेंदा के फूलों से भी कई रोगों से लड़ने मे लाभ होता है।इसके पत्तों और फूलों कोड उबालकर कुल्ला करने से दांतो के दर्द व मुंह के छालो मे फायदा होता है।
चेहरे के दाग-धब्बे को मिटाने के साथ ही त्वचा संबंधी अन्य बीमारियों के इलाज मे भी यह बहुत उपयोगी है।
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चम्पा का फूल -
चम्पा के फूल को पीसकर फुंसियो मे लगाने से लाभ होता है।
इसके फूलों का लेप माथे पर लगाने से सिर से जुड़ी बीमारियों मे फायदा होता है। चम्पा के फूलों को सूंघने से मन का तनाव दूर होता है। जिन लोगों को पित्त ज्यादा बनाते हैं उन्हें चम्पा का रस पीने से लाभ होता है।
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कमल का फूल -
कीचड़ मे खिलाने वाले कमल के फूल के भी कई फायदे है।
दिल्ली की तेज धड़कन को सही रखने मे कमल के फूल बड़े फायदेमंद है। सिरदर्द व मूत्र की तकलीफों मे भी इनसे आराम मिलता है।
कमल के फूलों को सरसों के तेल मे पकाकर, छानकर सिर मे लगाने से समय से पहले सफेद हुए बाल काले होने लगते है।
1 टिप्पणियाँ
Very good
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